Shefali Jariwala Death: हार्ट अटैक से गई जान, जानिए क्या कहते हैं कार्डियोलॉजिस्ट?

मुंबई: ‘कांटा लगा’ गर्ल और ‘बिग बॉस 13’ फेम अभिनेत्री शेफाली जारिवाला का 27 जून 2025 को अचानक निधन हो गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया जा रहा है। वे सिर्फ 42 साल की थीं और नियमित रूप से फिटनेस और हेल्थ को लेकर सजग रहती थीं। ऐसे में उनका अचानक जाना कई सवाल खड़े कर रहा है।

इलाज या खतरा? जानिए क्या ले रही थीं शेफाली

सूत्रों के अनुसार, शेफाली पिछले कई वर्षों से एंटी-एजिंग थेरेपी ले रही थीं, जिसमें ग्लूटाथायोन, विटामिन सी इंजेक्शन और हार्मोनल ट्रीटमेंट शामिल था। निधन के दिन उन्होंने उपवास रखा था और उसी शाम कुछ सप्लीमेंट्स व दवाइयां लीं, जिसके बाद उन्हें अचानक ठंड लगने, कमजोरी और ब्लड प्रेशर गिरने की शिकायत हुई। इलाज के दौरान उनका दिल काम करना बंद कर गया।

विशेषज्ञों की राय: कब बढ़ता है हार्ट अटैक का रिस्क?

कार्डियोलॉजिस्ट्स का कहना है कि आजकल फिटनेस या ब्यूटी के नाम पर ली जाने वाली हार्मोनल थेरेपी, स्टेरॉयड इंजेक्शन और ड्रग्स सीधे हृदय पर प्रभाव डाल सकते हैं। ये हार्ट रेट बढ़ा सकते हैं, इलेक्ट्रोलाइट्स को डिस्टर्ब कर सकते हैं और अचानक कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि बिना मेडिकल निगरानी के लिए गए ऐसे उपचार, खासकर तब जब व्यक्ति उपवास या किसी अन्य कमजोरी की स्थिति में हो, बहुत खतरनाक हो सकते हैं। हार्ट की समस्याएं अब केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रहीं — युवा महिलाओं में भी हार्ट अटैक की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।

महिलाओं में क्यों बढ़ रहा है कार्डियक रिस्क?

माना जाता था कि महिलाओं में एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन उन्हें हार्ट डिजीज से सुरक्षा देते हैं, लेकिन बदलते लाइफस्टाइल, तनाव, अनहेल्दी खानपान और अनजानी मेडिकल कंडीशंस ने इस सुरक्षा कवच को कमजोर कर दिया है। विशेषज्ञ बताते हैं कि 30 से 45 वर्ष की आयु की महिलाएं अब तेजी से हार्ट अटैक के खतरे की श्रेणी में आ रही हैं।

एपिलेप्सी और SUDEP फैक्टर

जानकारी के मुताबिक, शेफाली को एपिलेप्सी (मिर्गी) की समस्या भी थी। ऐसे मामलों में SUDEP (Sudden Unexpected Death in Epilepsy) भी एक संभावित कारण हो सकता है। यह एक दुर्लभ लेकिन गंभीर मेडिकल कंडीशन है जिसमें कोई एपिलेप्टिक मरीज अचानक सोते या आराम की स्थिति में दम तोड़ देता है।

हार्मोनल थेरेपी और स्टेरॉयड कितना खतरनाक?

  • हार्मोन या स्टेरॉयड शरीर के प्राकृतिक सिस्टम को प्रभावित करते हैं
  • यह लिवर, किडनी और हार्ट पर लॉन्ग टर्म असर डाल सकते हैं
  • लगातार लेने से ब्लड प्रेशर अनियंत्रित हो सकता है
  • उपवास या डिहाइड्रेशन की स्थिति में यह और खतरनाक हो जाता है
  • हार्मोनल इंजेक्शन से इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे कार्डियक अरेस्ट हो सकता है

निष्कर्ष

Shefali Jariwala का अचानक निधन एक बड़ा अलार्म है, खासकर उनके लिए जो फिटनेस, ब्यूटी या यंग दिखने के लिए हॉर्मोन थेरपी, स्टेरॉयड या बायोमेडिकल उपचार का सहारा लेते हैं। हमें यह समझना होगा कि हेल्थ और सुंदरता के बीच संतुलन जरूरी है, और कोई भी दवा या थेरेपी डॉक्टर की निगरानी में ही ली जानी चाहिए।

शेफाली की मौत हमें यह सिखाती है कि शरीर के अंदर क्या चल रहा है, वह कभी भी बाहर से नहीं दिखता। इसलिए जरूरी है कि हम बिना मेडिकल सलाह के किसी भी ट्रीटमेंट से बचें, खासकर अगर उसमें हार्मोन, स्टेरॉयड या ड्रग्स शामिल हों।


आपका दिल, आपकी ज़िंदगी का असली हीरो है – इसे नजरअंदाज मत कीजिए।

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